दिल को खतरनाक स्तर तक क्षति पहुंचाता है कोरोना वायरस

दिल को खतरनाक स्तर तक क्षति पहुंचाता है कोरोना वायरस

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस इस समय पूरी दुनिया में एक महामारी के तौर पर फैल चुका है और इससे तकरीबन करोड़ों लोग संक्रमित भी हो चुके है। यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। वहीं राहत देने वाली बात ये है कि सभी देशों के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे है और लगातार कोशिश जारी है। वहीं दूसरी तरफ अब भी हमें मुकम्मल तौर पर यह नहीं पता चला है कि ये वायरस आखिर हमारे शरीर में किस-किस हिस्से को प्रभावित करता है।

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पूरी दुनिया में इस पर रिसर्च जारी है। हर दिन रिसर्च में कुछ न कुछ ऐसी बातें जरूर जुड़ जाती हैं जिसमें हमें यह पता लगता है कि कोरोना इस तरह से हमारे शरीर के सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहा है। अब जर्मनी की दो रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस का आक्रमण उतनी ही नुकसान पहुंचा रहा है जितनी हार्ट अटैक के दौरान किसी व्यक्ति के शरीर को होता है।

दिल को खतरनाक स्तर तक क्षति पहुंचाता है कोरोना वायरस:

यह अध्ययन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल फ्रेंकफर्ट के शोधकर्ताओं ने किया है। जर्मनी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि जो लोग कोरोनावायरस के शिकार हुए हैं या जिन लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है, उनके दिल को खतरनाक तरीके से क्षति पहुंची है। यह क्षति वैसी ही है जैसे हार्ट अटैक के दौरान होती है। रिसर्च में कोरोना वायररस से संक्रमित जिन लोगों को शामिल किया गया, उनमें से 75 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के खून में प्रोटीन का स्तर कई गुना बढ़ा हुआ है। खून में प्रोटीन का बढ़ा हुआ स्तर इस बात का संकेत है कि कोई व्यक्ति हार्ट अटैक से गुजरा है।

दोनों अध्ययनों में कोरोना संक्रमित मरीजों के दिलों में लंबे समय तक खतरनाक तरीके से क्षतिग्रस्तता पाई गई। अब तक के रिसर्स से यह बात साबित हो चुकी है कि कोरोना श्वसन से शुरू होकर हृदयतंत्र और कई अंगों को प्रभावित करता है। साथ ही यह भी स्पष्ट है कि कोरोना किडनी और ब्रेन को भी प्रभावित करता है लेकिन पहली बार रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना हार्ट को अकेले भी डैमेज करता है।

वायरस दिल की कोशिकाओं में घुस जाते हैं

अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए 78 प्रतिशत मरीजों के दिलों में संरचनात्मक परिवर्तन देखे गए जबकि 100 में 76 मरीजों हार्ट का डैमेज लेवल हार्ट अटैक लेवल तक पाया गया। दूसरे अध्ययन में भी जर्मनी के लोगों को ही शामिल किया गया।

दूसरा अध्ययन हैमवर्ग स्थित यूनिवर्सिटी हार्ट एंड वैस्कुलर सेंटर ने किया है। इस रिसर्च में देखा गया कि अध्ययन में शामिल कोविड-19 से मरे आधे मरीजों में कोरोना वायरस उनके हार्ट में खतरनाक स्तर तक घुस गए थे। हालांकि इस रिसर्च से यह पता नहीं लगता है कि आखिर कोरोना संक्रमित मरीजों में दिल को जो क्षति वायरस के कारण पहुंचती है, वह कब तक सही हो जाती है लेकिन इस अध्ययन से यह पता लगाने में आसाी होगी कि आखिर कोरोना संक्रमित मरीज महीनों तक बहुत कमजोरी और थकान क्यों महसूस करते हैं। इन सब से अलग शोधकर्ताओं ने डॉक्टरों को सलाह दी है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के दिल के स्वास्थ्य को बारीकी से मॉनिटर करने की जरूरत है।

 

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